गुरु नानक का जीवन और रूपक संदेश।

गुरु नानक एकता के प्रतीक हैं।

उनका रुहानी संदेश गुरु ग्रंथ साहिब में उनके ९२८ सबदों में दर्ज है।

गुरु नानक के बारे में अधिक जानने के लिए, TheGuruNanak.com पर पुरस्कारित २४-एपिसोड डॉक्यूमेंट्री 'रूपक, गुरु नानक के कदमों की रुहानी छाप' देखें।

शिक्षा संसाधन - गुरु नानक।

गुरु नानक के ९२८ सबदों पर आधारित शैक्षिक सामग्री जनवरी २०२५ से दिसंबर २०२७ के बीच चरणबद्ध तरीके से जारी की जा रही है।
गुरु नानक के ४१ सबद जारी किए जा चुके हैं।

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१ to २० गुरु नानक के सबद।

गुरु नानक – सबद १

ੴ सत नाम करता पुरख निरभउ निरवैर अकाल मूरत अजूनी सैभं गुर प्रसाद ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, १

गुरु नानक – सबद २

आदि सच जुगाद सच ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, १

गुरु नानक – सबद ३

सोचै सोच न होवई जे सोची लख वार ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, १

गुरु नानक – सबद ४

कमी होवन आकार हुकम न कहिआ जाई ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, १

गुरु नानक – सबद ५

गावै को ताण होवै किसै ताण ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, १

गुरु नानक – सबद ६

साचा साहिब साच नाइ भाखिआ भाउ अपार ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, २

गुरु नानक – सबद ७

थापिआ न जाइ कीता न होइ ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, २

गुरु नानक – सबद ८

तीरथ नावा जे तिस भावा विण भाणे कि नाइ करी ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, २

गुरु नानक – सबद ९

जे जुग चारे आरजा होर दसूणी होइ ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, २

गुरु नानक – सबद १०

सुणिऐ सिध पीर सुर नाथ ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, २

गुरु नानक – सबद ११

सुणिऐ ईसर बरमा इंद ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, २

गुरु नानक – सबद १२

सुणिऐ सत संतोख गिआन ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, २

गुरु नानक – सबद १३

सुणिऐ सरा गुणा के गाह ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, ३

गुरु नानक – सबद १४

मंने की गत कही न जाइ ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, ३

गुरु नानक – सबद १५

मंनै सुरत होवै मन बुध ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, ३

गुरु नानक – सबद १६

मंनै मारग ठाक न पाइ ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, ३

गुरु नानक – सबद १७

मंनै पावह मोख दुआर ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, ३

गुरु नानक – सबद १८

पंच परवाण पंच प्रधान ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, ३

गुरु नानक – सबद १९

असंख जप असंख भाउ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, ३

गुरु नानक – सबद २०

असंख मूरख अंध घोर ॥

जप, गुरु नानक, गुरु ग्रंथ साहिब, ४