शेख़ फ़रीद का जीवन और रूपक संदेश।

शेख़ फ़रीद, जिन्हें गंज-ए-शक्कर (मिठास का खजाना) के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म ११७३ ईस्वी में वर्तमान पाकिस्तान में मुल्तान से १० किमी पश्चिम में एक गाँव कोठेवाल में हुआ था। वह शेख़ कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के शागिर्द बने। कंधार और बगदाद में शिक्षा प्राप्त करने और उसके बाद दिल्ली और फरीदकोट में समय बिताने के बाद, वह अंततः सतलुज नदी के तट पर अजोधन नामक एक सुदूर और निर्जन गाँव में बस गए, जिसे बाद में पाकपट्टन के नाम से जाना जाने लगा। गुरु नानक और भाई मर्दाना ने एशिया भर में अपनी यात्रा के दौरान दो अवसरों पर पाकपट्टन का दौरा किया।

 

शेख़ फ़रीद का रूहानी संदेश गुरु ग्रंथ साहिब में उनके १३२ सबदों में दर्ज है।

शिक्षा संसाधन - शेख़ फ़रीद।

शेख़ फ़रीद के १३२ सबदों पर आधारित शैक्षिक सामग्री जून २०२५ से दिसंबर २०२८ के बीच चरणबद्ध तरीके से जारी की जा रही है।

पृष्ठ १

शेख़ फ़रीद सबद (१ - २०)

शेख़ फ़रीद – सबद १

दिलहु मुहबत जिंन्ह सेई सचिआ ॥

राग आसा, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, ४८८

शेख़ फ़रीद – सबद २

बोलै सेख फरीद पिआरे अलह लगे ॥

राग आसा, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, ४८८

शेख़ फ़रीद – सबद ३

तप तप लुह लुह हाथ मरोरउ ॥

राग सूही, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, ७९४

शेख़ फ़रीद – सबद ४

बेड़ा बंध न सकिओ बंधन की वेला ॥

राग सूही ललित, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, ७९४

शेख़ फ़रीद – सबद ५

जित दिहाड़ै धन वरी साहे लए लिखाइ ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७७

शेख़ फ़रीद – सबद ६

फरीदा दर दरवेसी गाखड़ी चलां दुनीआं भत ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७७

शेख़ फ़रीद – सबद ७

किझ न बुझै किझ न सुझै दुनीआ गुझी भाहि ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७८

शेख़ फ़रीद – सबद ८

फरीदा जे जाणा तिल थोड़ड़े समल बुक भरी ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७८

शेख़ फ़रीद – सबद ९

जे जाणा लड़ छिजणा पीडी पाईं गंढ ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७८

शेख़ फ़रीद – सबद १०

फरीदा जे तू अकल लतीफ काले लिख न लेख ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७८

शेख़ फ़रीद – सबद ११

फरीदा जो तै मारन मुकीआं तिन्हा न मारे घुम ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७८

शेख़ फ़रीद – सबद १२

फरीदा जां तउ खटण वेल तां तू रता दुनी सिउ ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७८

शेख़ फ़रीद – सबद १३

देख फरीदा जु थीआ दाड़ी होई भूर ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७८

शेख़ फ़रीद – सबद १४

देख फरीदा जि थीआ सकर होई विस ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७८

शेख़ फ़रीद – सबद १५

फरीदा अखी देख पतीणीआं सुण सुण रीणे कंन ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७८

शेख़ फ़रीद – सबद १६

फरीदा कालीं जिनी न राविआ धउली रावै कोइ ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७८

शेख़ फ़रीद – सबद १७

फरीदा जिन्ह लोइण जग मोहिआ से लोइण मै डिठ ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७८

शेख़ फ़रीद – सबद १८

फरीदा काली धउली साहिब सदा है जे को चित करे ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७८

शेख़ फ़रीद – सबद १९

फरीदा कूकेदिआ चांगेदिआ मती देदिआ नित ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७८

शेख़ फ़रीद – सबद २०

फरीदा थीउ पवाही दभ ॥

सलोक, सेख फरीद, गुरु ग्रंथ साहिब, १३७८